लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भारतीय सेना के अगले सेना प्रमुख होंगे। सेना की ईस्टर्न कमांड के प्रमुख रह चुके नरवाणे ने 1 सितंबर 2019 को भारतीय सेना के उप-थलसेनाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। खबरों के मुताबिक 31 दिसंबर को वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत सेवा-निवृत्ति होंगे जिसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे 28वें सेना प्रमुख के तौर पर अपना पदभार ग्रहण करेंगे। इस वक्त लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे सेना में उप प्रमुख हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद व उग्रवाद विरोधी अभियान और शांतिकाल में विभिन्न कमानों का नेतृत्व किया है। श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति बल का हिस्सा होने के साथ-साथ लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे म्यांमार स्थित भारतीय दूतावास में तीन साल तक डिफेंस शांति मिशन दल का हिस्सा भी रह चुके हैं।
डोकलाम संकट के दौरान चीन को याद दिलाई उसकी हद
सबसे सीनियर अफसरों की श्रेणी में गिने जाने वाले मनोज मुकुंद नरवाणे अपनी ईमानदारी और धीर-गंभीरता के लिए जाने जाते हैं। डोकलाम संकट के दौरान चीन को उसकी हद याद दिलाना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को जून 1980 में सिख लाइट इंफैंट्री रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन मिला था। साथ ही उन्हें जम्मू-कश्मीर में अपनी बटालियन की सफलतापूर्वक व प्रभावी ढंग से नेतृत्व के लिए सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (नार्थ) के इंस्पेक्टर जनरल के तौर पर सेवाओं के लिए विशिष्ट सेवा मेडल और प्रतिष्ठित हमलावर कोर की कमान के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया गया।
जानकारी के अनुसार सेना के प्रमुख पद के लिए नार्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह और सार्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट एसके सैनी के नाम भी थे। तीनों अधिकारियों के नाम की सूची कैबिनेट की नियुक्ति समिति को भेजी गई थी जिस पर लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे के नाम पर प्रधानमंत्री ने मुहर लगाई